⚡️ इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज मशीनिंग -- Electrical Discharge Machining (EDM)

 ⚡️ इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज मशीनिंग (EDM) – विस्तृत अध्ययन लेख (हिंदी में)


इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज मशीनिंग (EDM) एक अत्याधुनिक गैर-पारंपरिक मशीनिंग प्रक्रिया है, जिसमें विद्युत स्पार्क (चिंगारी) का उपयोग करके विद्युत-चालक सामग्री को बहुत सटीकता से हटाया जाता है।

यह प्रक्रिया कठोर धातुओं और जटिल आकृतियों को बनाने के लिए आदर्श है, जिन्हें पारंपरिक काटने वाले औज़ारों से बनाना मुश्किल होता है।

✅ EDM की कार्यविधि (Working Principle)

EDM में दो इलेक्ट्रोड होते हैं: एक टूल इलेक्ट्रोड और वर्कपीस (जिस पर काम करना है)।

दोनों इलेक्ट्रोड एक डाइलेक्ट्रिक द्रव (Dielectric Fluid) में डूबे रहते हैं।

जब इलेक्ट्रोड्स के बीच उच्च वोल्टेज लगाया जाता है, तो डाइलेक्ट्रिक द्रव का ब्रेकडाउन होता है और एक स्पार्क गैप में विद्युत चिंगारी उत्पन्न होती है।

यह चिंगारी स्थानीय क्षेत्र को बहुत गर्म (~8000–12000°C) कर देती है, जिससे धातु पिघलती और वाष्पित हो जाती है।

डाइलेक्ट्रिक द्रव इस पिघली हुई सामग्री को बाहर धो देता है और अगले स्पार्क के लिए गैप साफ करता है।

मुख्य बिंदु:

✅ कोई यांत्रिक संपर्क नहीं

✅ ऊष्मा द्वारा नियंत्रित अपक्षरण (controlled erosion)

✅ बहुत उच्च सटीकता


✅ EDM के प्रमुख प्रकार

EDM तीन प्रमुख रूपों में किया जाता है:

1️⃣ डाई-सिंकर EDM (Die-sinking EDM)

इसे राम EDM भी कहते हैं।

टूल इलेक्ट्रोड को वर्कपीस की सतह में वांछित आकृति में डुबोया जाता है।

टूल ग्रेफाइट, तांबा आदि का बना होता है।

उपयोग: मोल्ड कैविटी, जटिल 3D आकृतियां।

2️⃣ वायर EDM (Wire-cut EDM)

एक पतली धातु की तार (ब्रास, कॉपर) का लगातार फीड किया जाता है।

तार वर्कपीस को एक “चीज़ स्लाइसर” की तरह काटता है।

बहुत सटीक 2D प्रोफाइल और जटिल कटिंग के लिए।

उपयोग: डाई-पंच, गियर, एक्स्ट्रा-हार्ड पार्ट्स।

3️⃣ होल-ड्रिलिंग EDM

खोखली इलेक्ट्रोड या ट्यूब का उपयोग।

गहरे और बहुत पतले छिद्र बनाना।

उपयोग: एयरक्राफ्ट कूलिंग होल्स, इंजेक्शन नोज़ल्स।

 EDM के घटक (Main Components)

✅ पावर सप्लाई यूनिट (High voltage pulses)

✅ टूल इलेक्ट्रोड

✅ वर्कपीस

✅ डाइलेक्ट्रिक फ्लुइड टैंक और पम्प

✅ CNC कंट्रोल (आधुनिक मशीनों में)


✅ EDM में डाइलेक्ट्रिक द्रव

कार्य:

स्पार्क गैप को इन्सुलेट करना

स्पार्क के समय ब्रेकडाउन को नियंत्रित करना

पिघली धातु के कणों को बाहर निकालना

आम तौर पर उपयोग:

केरोसिन आधारित ऑइल

डी-आयोनाइज़्ड वॉटर (विशेष रूप से वायर EDM)


✅ EDM की विशेषताएं (Advantages)

⭐ किसी भी कठोरता की धातु पर काम कर सकता है

⭐ बेहद जटिल आकृतियां और गहरे छेद

⭐ कोई यांत्रिक बल नहीं → पतली दीवारें भी सुरक्षित

⭐ उच्च सटीकता (माइक्रोन स्तर)

⭐ बेहतरीन सतह फिनिश


✅ सीमाएं (Limitations)

⚠️ बहुत धीमी प्रक्रिया

⚠️ इलेक्ट्रोड का घिसाव (Electrode wear)

⚠️ डाइलेक्ट्रिक द्रव का रखरखाव महंगा

⚠️ केवल विद्युत-चालक सामग्री पर काम करता है


✅ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1770: जोसेफ प्रीस्टली ने विद्युत चिंगारी से धातु के क्षरण का उल्लेख किया।

1940 के दशक: B.R. & N.I. Lazarenko (सोवियत वैज्ञानिक) ने पहला व्यावसायिक EDM विकसित किया।


Lazarenko सर्किट आज भी EDM मशीनों के पावर सप्लाई डिजाइन में उपयोग किया जाता है।


✅ EDM के अनुप्रयोग (Applications)

⭐ मोल्ड और डाई बनाने में

⭐ एयरोस्पेस पार्ट्स (सुपरअलॉय, टाइटेनियम)

⭐ मेडिकल उपकरण

⭐ माइक्रो-मशीनिंग (इलेक्ट्रॉनिक्स के छोटे हिस्से)

⭐ प्रोटोटाइप और जटिल इंजीनियरिंग पार्ट्स


इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज मशीनिंग आधुनिक विनिर्माण उद्योग में एक अनिवार्य तकनीक है। यह जटिल, कठोर, और उच्च-सटीकता वाले घटकों के निर्माण के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। हालांकि यह अपेक्षाकृत धीमी और महंगी हो सकती है, पर इसकी क्षमताएं पारंपरिक मशीनिंग की सीमाओं से कहीं आगे हैं।

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